जब नेहा जैन को अपने घर के अंदर नहीं आने दी
जैन- " पर डैड मैं और नेहा एक दूसरे के साथ बहुत खुश है । "
मिस्टर हैदर - "मैं भी यही चाहता हूं तुम दोनों खुश रहो शादी के बाद भी इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम दोनों थोड़ा और वक्त लेकर शादी का फैसला लेने से पहले एक बार और सोच लो।"
इतना कहकर मिस्टर हैदर वहां से चले जाते हैं फिर जैन अपनी मां से कहता है......
" मॉम ये डैड को क्या हो गया है वो क्यों नहीं चाहती की मैं और नेहा एक दूसरे से शादी करें ।
मिसेज हैदर - "जैन तुम्हारे डैड गलत नहीं है वो बस तुम्हारे लिए फिक्र बंद है ।"
जैन- " पर क्यों मॉम । "
मिसेज हैदर- " वो इसलिए क्योंकि तुम दोनों के स्वभाव एक दूसरे से बहुत अलग है तुम दोनों की सोच बहुत मुख्तलिफ से एक दूसरे से । "
जैन- " पर मॉम वो सब मैं और नेहा मैनेज कर लेंगे हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं ।"
मिसेज हैदर - "हां बेटा मैं जानती हूं तुम परेशान नहीं हो तुम्हारी डैड मान जाएंगे मैं और हम दोनों मिलकर कोशिश करेंगे ।"
जैन- " क्या सच में मॉम डैड मान जाएंगे । "
मिसेज हैदर - "हां बेटा बिल्कुल उन्हें मानना ही पड़ेगा । क्यों परेशान हो तुम"
जैन - " पता नहीं मॉम इस वक्त नेहा मेरे बारे में क्या सोच रही होगी । "
मिसेज हैदर- " वो क्या सोचीगी। अगर तुम्हें इतना ही लग रहा है तो तुम उससे फोन पर एक बार बात कर लो । "
जैन- " हां मॉम आप ठीक कह रही हैं ।"
इतना कहकर जैन अपने रूम में चला जाता है ,और मिसेस हैदर भी अपने रूम में चली जाती हैं ।जैन अपने रूम में पहुंचते ही नेहा को कॉल लगाता है। पर नेहा जैन का कॉल नहीं उठाती है। जैन परेशान होने लगता है, और वो बार- बार नेहा को फोन करने लगता है । पर नेहा के फोन न उठाने पर जैन गाड़ी की चाबी उठाता हैं और घर से निकल जाता है ।
थोड़ी देर में ही जैन नेहा के घर पहुंच जाता है । और बार-बार डोर बेल बचाता है। नेहा नीचे उतर कर आती है और विंडो ओपन करके जैन से कहती है.....
"जैन इस वक्त तुम यहां से चले जाओ।"
जैन- " पर क्यों नेहा । "
नेहा- " बस जैन तुम यहां से चले जाओ अभी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है और मैं नहीं चाहती कि मेरा गुस्सा मैं तुम पर उतारू । "
जैन- " पर ऐसा हुआ क्या है नेहा तुम्हें इतनी गुस्सा क्यों आ रही है जब तक तुम मुझसे बात नहीं करोगी मुझे बताओगी नहीं तो मैं कैसे समझूंगा कि हुआ क्या है और मैं कैसे सब सही करूंगा । "
नेहा- "तुम्हें कुछ सही करने की जरूरत नहीं है जैन । बस तुम अभी यहां से चले जाओ । "
जैन - " नेहा मै यहा से कहीं नहीं जा रहा हूं । तुम बस अभी दरवाजा खोलो या मैं तोड़ दूं।"
जैन के इतना कहते ही नेहा आकर दरवाजा खोलती है ।और दरवाजा खोलते ही जैन नेहा का हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींचता है और उसे गले लगा लेता है।
तो आप लोगों को क्या लगता है क्या ये नेहा है कि कोई चाल है यह सच में कोई बात है जो नेहा को बहुत परेशान कर रही है । तो आगे क्या होता है जानने के लिए आगे का चैप्टर जरूर रीड करें ......
HARSHADA GOSAVI
10-Dec-2024 11:54 AM
Awesome
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madhura
21-Sep-2024 03:21 PM
Amazing
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